भोरे समिति (1946)

भोरे समिति ने अपनी रिपोर्ट वर्ष 1946 में प्रस्तुत की, जिसमें व्यापक स्वास्थ्य संबंधी देखभाल पर प्रकाश डाला गया था।

  • भोरे समिति के व्यापक सेवाओं का तात्पर्य विभिन्न परिभाषित भौगोलिक क्षेत्रों में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था, गर्भ से मृत्यु तक रोकथाम, उपचार और प्रोत्साहन स्वास्थ्य की सभी संस्थओं को एकीकृत प्रावधानों द्वारा व्यापक रूप से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना था।
  • भोरे समिति की विशेषताएँ: समुचित रोकाथामात्मक, उपचारात्मक और उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध करना।
  • जितना ज्यादा संभव हो सके लाभार्थियों के साथ निकट संपर्क स्थापित करना। सभी के लिए उचित स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना, विशेष रूप से संवेदनशील और कमजोर वर्गों के लिए।
  • भोरे समिति ने सुझाव दिया था कि स्वास्थ्य की देखभाल में बदलाव किया जाए, जिसके परिणामस्वरुप भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप-केन्द्रों की स्थापना की ओर अग्रसर हुआ।
  • भोरे समिति ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य इकाई के रूप में अवधारण किया, जिसका उद्देश्य लोगों को अपने आवास से निकट ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है।