महामारी की अवधि के दौरान एफडीआई नीति में सुधार किया गया। इसका उद्देश्य पारदर्शिता एवं प्रक्रियाओं के युक्तिकरण को बढ़ाना है।
अधिक विदेशी भागीदारी की स्वीकृति देने के लिए किए गए उपाय
रक्षा क्षेत्रः आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के तहत अब, नए औद्योगिक लाइसेंस चाहने वाली कंपनियों के लिए रक्षा क्षेत्र में स्वचालित (पहले 49 प्रतिशत से) के माध्यम से 74 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है। सरकारी मार्ग के तहत 74 प्रतिशत से अधिक और 100 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति होगी। मौजूदा एफडीआई स्वीकृत धारकों/रक्षा लाइसेंसधारियों के लिए, 49 प्रतिशत तक के नए विदेशी निवेश के सम्मिश्रण के परिणामस्वरूप इक्विटी/शेयरहोल्डिंग पैटर्न में परिवर्तन 30 दिनों के भीतर घोषणा करके किया जा सकता है।
बीमा क्षेत्रः सरकार ने स्वचालित मार्ग के तहत बीमा कंपनियों में अनुमेय एफडीआई सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने और सुरक्षा उपायों के साथ विदेशी स्वामित्व और नियंत्रण की अनुमति जारी किया।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्रः उन मामलों में स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति देने के लिए जारी किया गया है जहां सरकार ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में लगे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) के रणनीतिक विनिवेश के लिए ‘सैद्धांतिक’ अनुमोदन प्रदान किया है।
दूरसंचार क्षेत्रः दूरसंचार सेवा क्षेत्र में स्वचालित के तहत 100 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति देने जारी किया गया।
अवसरवादी अधिग्रहण पर अंकुश लगानाः सरकार ने एफडीआई नीति में संशोधन किया, जिसके अनुसार एक देश की एक इकाई, जो भारत के साथ भूमि सीमा साझा करती है या जहां भारत में निवेश के लाभकारी स्वामित्व स्थित है या ऐसे किसी देश का नागरिक है, केवल सरकारी मार्ग के तहत निवेश कर सकता है।
इसके अलावा, भारत में किसी इकाई में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी मौजूदा या भविष्य के एफडीआई के स्वामित्व के हस्तांतरण की स्थिति में, जिसके परिणामस्वरूप लाभकारी स्वामित्व उक्त नीति संशोधन के प्रतिबंध/ क्षेत्रधिकार के अंतर्गत आता है, लाभकारी स्वामित्व में इस तरह के बाद में परिवर्तन होगा सरकार की मंजूरी की भी जरूरत है।
मसाला बांड
भारत में केरल मसाला बांड को जारी करने वाला पहला राज्य बना केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड ने 2019 में लंदन स्टॉक एक्सचेंज में 2,150 करोड़ रुपए का मसाला बॉण्ड जारी किया था।
मसाला बॉण्ड भारत के बाहर जारी किये जाने वाले बॉण्ड होते हैं, लेकिन स्थानीय मुद्रा की बजाय इन्हें भारतीय मुद्रा में निर्दिष्ट किया जाता है। डॉलर बॉण्ड के विपरीत (जहां उधारकर्त्ता को मुद्रा जोखिम लेना पड़ता है) मसाला बॉण्ड में निवेशकों को जोखिम उठाना पड़ता है।
विश्व का पहला मसाला बांड नवंबर 2014 में इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन द्वारा जारी किया गया था।