रुपये को अन्य प्रमुख मुद्राओं में और अन्य प्रमुख मुद्राओं को रुपये में बदलने की अनुमति को रुपये परिवर्तनीयता कहते हैं। अर्थात रुपये को अन्य प्रमुख मुद्राओं में और अन्य प्रमुख मुद्राओं को रुपये में बदलने की अनुमति मुद्रा की परिवर्त्तनीयता कहलाती है। 1994 के बाद से भारतीय रुपया चालू खाते के लेन-देन में पूरी तरह से परिवर्तनीय बना दिया गया था।
चालू खाते की परिवर्तनीयताः इसका अर्थ यह है की मुद्रा की सीमा पार आवाजाही पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।