भारत में मुद्रा की परिवर्तनीयता

रुपये को अन्य प्रमुख मुद्राओं में और अन्य प्रमुख मुद्राओं को रुपये में बदलने की अनुमति को रुपये परिवर्तनीयता कहते हैं। अर्थात रुपये को अन्य प्रमुख मुद्राओं में और अन्य प्रमुख मुद्राओं को रुपये में बदलने की अनुमति मुद्रा की परिवर्त्तनीयता कहलाती है। 1994 के बाद से भारतीय रुपया चालू खाते के लेन-देन में पूरी तरह से परिवर्तनीय बना दिया गया था।

चालू खाते की परिवर्तनीयताः इसका अर्थ यह है की मुद्रा की सीमा पार आवाजाही पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।

  • चालू खाता विनिमयता, लक्ष्यों, सेवाओं और आय के साधनों के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा से संबंधित भुगतान पर प्रतिबंध हटाने से संबंधित है,
  • इसमें मुख्य रूप से आयत, निर्यात तथा अदृश्य व्यवहार आते हैं। अर्थात सभी चालू व्यापारिक लेन देनो जिसमें यात्रा, शिक्षा, चिकित्सा, सम्बन्धी व्यय होते हैं।