वित्तीय समावेशन से संबन्धित मुद्दों के समाधान के लिए भारत सरकार ने डॉ. सी रंगराजन की अध्यक्षता में ‘वित्तीय समावेशन समिति’ का गठन किया था। इस समिति ने दिनांक 4 जनवरी, 2008 को केन्द्रीय वित्त मंत्री को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
समिति ने वित्तीय समावेशन को ‘कमजोर वर्गों और निम्न आय वर्ग के लोगों को उनकी आवश्यकतानुसार लागत पर समय से वित्तीय सेवाएं तथा पर्याप्त ऋण उपलब्ध सुनिश्चित कराने की एक प्रक्रिया’ के रूप में परिभाषित किया है।
इस समिति ने नाबार्ड में दो निधियां - वित्तीय समावेशन निधि (एफआईएफ) और वित्तीय समावेशन प्रौद्योगिकी निधि (एफआईटीएफ) बनाने की भी सिफारिश की थी।