वित्तीय समावेशन सूचकांक

भारतीय रिजर्व बैंक ने देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया है।

  • इस एफआई-सूचकांक को सरकार और संबंधित क्षेत्र के विनियामकों के परामर्श से बनाया गया है, जिसमे बैंकिंग, निवेश, बीमा, डाक के साथ-साथ पेंशन क्षेत्र के विवरण को शामिल करते हुए एक व्यापक सूचकांक के रूप में संकल्पित किया गया है।
  • यह सूचकांक सेवाओं की पहुंच, उपलब्धता एवं उपयोग तथा सेवाओं की गुणवत्ता में आसानी के लिए अनुक्रियाशील है, जिसमें सभी 97 संकेतक शामिल हैं।
  • एफआई-सूचकांक में तीन व्यापक पैरामीटर (भार कोष्ठक में दर्शाए गए हैं) अर्थात्, पहुंच (35%), उपयोग (45%) और गुणवत्ता (20%) शामिल है, जिनमें से प्रत्येक में विभिन्न आयाम शामिल हैं, जिसकी गणना कुछ संकेतकों के आधार पर की जाती है।