जमानत का प्रावधान एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता

किसी व्यक्ति को जमानत देना तथा उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच का संबंध पूरी तरह से उस व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संरक्षण तथा अपराध की उचित जांच सुनिश्चित करने के बीच संतुलन बनाए रखने पर निर्भर करता है, ताकि न्याय के सिद्धांत को कायम रखा जा सके।

  • अनुच्छेद 21 प्रत्येक नागरिक को दिया गया एक अनिवार्य अधिकार है ताकि उनके जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार को खतरा न हो।
  • जब किसी व्यक्ति पर अपराध का आरोप लगाया जाता है, तो कानूनी प्रक्रिया के अनुसार उस व्यक्ति को हिरासत में रखा जा सकता है।
  • हालांकि जब तक आरोपी दोषी साबित नहीं हो जाता, वह व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अपने अधिकार का हकदार है और कोई भी उसे इस स्वतंत्रता से वंचित नहीं कर सकता। इसलिए जमानत देना कानून की एक आवश्यक प्रक्रिया है।
  • यद्यपि यह भी महत्वपूर्ण है कि आरोपी को उसके द्वारा किए गए अपराधों के लिए सजा मिले। अतः यह तय करने के लिए कि आरोपी को जमानत पर रिहा किया जा सकता है या नहीं, सख्त और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।