दक्षिण अटलांटिक क्षेत्र के ऊपर चुंबकीय विसंगति

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency- ESA) के स्वॉर्म (Swarm) उपग्रहों द्वारा प्राप्त एक आंकड़ों के अध्ययन के अनुसार दक्षिण अटलांटिक क्षेत्र के ऊपर चुंबकीय विसंगति (Magnetic Anomaly) का पता चला है। यह विसंगति पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में स्थानिक भिन्नता को बताती है।

  • वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि अफ्रीका और लैटिन अमेरिका महाद्वीप के बीच में एक बड़े इलाके में पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता में कमी आई है।

चुम्बकीय क्षेत्र का प्रभाव

  • यह चुंबकीय क्षेत्र (Earth magnetic field) पृथ्वी को सौर विकिरण (solar radiaton) से सुरक्षा प्रदान करता है तथा इसके कमजोर पड़ने से पृथ्वी पर सौर विकिरण की समस्या बढ़ सकती है।
  • चुंबकीय क्षेत्र के कमजोर होने से उपग्रहों और अंतरिक्ष यानों को ग्रह की परिक्रमा करने में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र पिछली दो शताब्दियों में अपनी 10% तीव्रता खो चुका है। इन परिवर्तनों के साथ पृथ्वी के कोर में होने वाली प्रक्रियाओं को समझना ही सबसे बड़ी चुनौती है।

चुम्बकीय क्षेत्र का महत्व

  • पृथ्वी पर जीवन के लिए चुंबकीय क्षेत्र अतिआवश्यक है। चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी को सूर्य से होने वाले विकिरण और अंतरिक्ष से निकलने वाले आवेशित कणों (Charged Particles) से हमें बचाता है।
  • पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र जीवन के लिए एक रक्षा कवच की तरह कार्य करता है। यह क्षेत्र धरती पर आने वाले सूर्य के आवेशित कणों को मोड़ देता है।

मुख्य बिन्दुः यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के वैज्ञानिक स्वार्म डेटा, इनोवेशन एंड साइंस क्लस्टर (DISC) से विसंगति का अध्ययन करने के लिए ESA के स्वार्म सेटेलाइट के डेटा का उपयोग कर रहे हैं।

  • ये स्वार्म सेटेलाइट पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को बनाने वाले विभिन्न चुंबकीय संकेतों को पहचान और माप सकते हैं।
  • यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने अपने सेटेलाइट की मदद से इसका डेटा इकट्टा किया है। ये सेटेलाइट विशेष रूप से पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को तैयार करने वाली चुंबकीय तरंगों की पहचान और उनकी माप करने के लिए बनाए गए हैं। इससे वैज्ञानिकों को पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में आई कमी के बारे में जानकारी मिली।