ब्लॉकचेन तकनीक

ब्लॉकचेन एक तकनीक है। हम इस तकनीक के जरिए करेंसी ही नहीं बल्कि किसी भी चीज को डिजिटल फॉरमेट में बदलकर स्टोर कर सकते है। ये प्लेटफॉर्म लेजर की तरह है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये एक तरह का एक्सचेंज प्रोसेस है, जो डेटा ब्लॉक पर काम करता है।

  • इसमें हर एक ब्लॉक एक-दूसरे से कनेक्ट होते हैं और इन्हें हैक नहीं किया जा सकता है। इस तकनीक का उद्देश्य डॉक्यूमेंट्स को डिजिटली सुरक्षित रखना है। आपको बता दें सन् 1991 में स्टुअर्ट हबर और डब्ल्यू स्कॉट स्टोर्नेटो ने ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल किया था।
  • ब्लॉकचेन बेस्ड सिस्टम काफी सुरक्षित है। यह इस तकनीक का एक बड़ा लाभ है। ब्लॉकचेन के काम करने के तरीके की बात करें तो ये तकनीक एंड-टू-एंड इन्क्रिप्शन के साथ लेन-देन का एक अपरिवर्तनीय रिकॉर्ड बनाती है, जो धोखाधड़ी और अनधिकृत गतिविधि को रोकने में मदद करती है। इसके अलावा ब्लॉकचेन पर डेटा कंप्यूटर के एक नेटवर्क में संग्रहीत किया जाता है, जिससे इसे हैक करना लगभग असंभव हो जाता है।
  • बिचौलियों को खत्म करने के साथ-साथ लेन-देन में शेष मैन्युअल प्रक्रियाओं को बदलकर, ब्लॉकचेन पारंपरिक तरीकों की तुलना में लेन-देन को काफी तेजी से संभाल सकता है। कुछ मामलों में, ब्लॉकचेन लेनदेन को सेकंड या उससे कम समय में संभाल सकता है।