इसका गठन यूजीसी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. दौलत सिंह कोठारी की अध्यक्षता में वर्ष 1964 में किया गया था।
इस आयोग ने वर्ष 1966 में सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इसने शिक्षा के 10+2$3 शिक्षा प्रणाली, कम्सप्रीहेन्सिव स्कूल, त्रिभाषा सूत्र, पत्रचार पाठ्यक्रम, परीक्षा प्रणाली में सुधार शिक्षकों हेतु रिफ्रैशर पाठ्यक्रम, सायंकालीन विद्यालय और कॉलेज, तकनीकी हाईस्कूल की व्यवस्था किये जाने हेतु विविध सुझाव दिये। इसके महत्वपूर्ण सुझावों के आधार पर ही स्वतंत्र भारत की पहली शिक्षा नीति बनायी गयी, जिसे ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968’ कहा गया।