यह योजना आरबीआई की वर्तमान में मौजूद तीन लोकपाल योजनाओं-
बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना 2018 और डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना 2019 को एकीकृत करती है।
इसके साथ ही इस योजना के अपने दायरे में उन गैर-अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंकों को भी शामिल किया है, जिनका जमा आकार ` 50 करोड़ और उससे अधिक है।
यह योजना आरबीआई लोकपाल तंत्र के क्षेत्रधिकार को तटस्थ बनाकर ‘एक राष्ट्र एक लोकपाल दृष्टिकोण अपनाती है।
योजना की मुख्य विशेषताएं
यह योजना अपवर्जनों (एक्सक्लूसन) की निर्दिष्ट सूची के साथ शिकायत दर्ज करने के आधार के रूप में सेवा में कमी को परिभाषित करती है।
अतः शिकायतों को अब केवल ‘योजना में सूचीबद्ध आधारों के अंतर्गत शामिल नहीं’ होने के कारण अस्वीकृत नहीं किया जाएगा।
इस योजना ने प्रत्येक लोकपाल कार्यालय के अधिकार क्षेत्र को समाप्त कर दिया है। किसी भी भाषा में भौतिक और ईमेल शिकायतों की प्राप्ति और प्रारंभिक प्रोसेसिंग के लिए भारतीय रिजर्व बैंक, चंडीगढ़ में एक केंद्रीकृत रिसीप्ट और प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित किया गया है।