उद्योग और बुनियादी ढांचा

अप्रैल-नवम्बर, 2021 के दौरान औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक (आईआईपी) बढ़कर 17.4 प्रतिशत (वर्ष दर वर्ष) हो गया। यह अप्रैल-नवम्बर, 2020 में (-)15.3 प्रतिशत था।

  • भारतीय रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय 2009-2014 के दौरान 45,980 करोड़ रुपये के वार्षिक औसत से बढ़कर 2020-21 में 155,181 करोड़ रुपये हो गया।
  • वर्ष 2020-21 में प्रतिदिन सड़क निर्माण की सीमा को बढ़ाकर 36.5 किलोमीटर प्रतिदिन कर दिया गया है जो 2019-20 में 28 किलोमीटर प्रतिदिन थी, इस प्रकार इसमें 30.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
  • बड़े कॉरपोरेट के बिक्री अनुपात से निवल लाभ वर्ष 2021-22 की जुलाई-सितम्बर तिमाही में महामारी के बावजूद 10.6 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है।

प्रभावः उद्योगों के विस्तार को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) की शुरूआत तथा आधारभूत संरचना को बढ़ावा देने के लिए भौतिक तथा साथ ही डिजिटल दोनोंलेनदेन की लागत को कम करने तथा व्यापार की सुगमता में सुधार के लिए निरंतर उपायों के साथ, पुनःप्राप्ति की गति को सहयोग करेगा।

साथ ही घरेलू विनिर्माण क्षमता को बढ़ावा देने के लिए मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम, कॉर्पाेरेट कर की दर में कमी, सहित आत्म निर्भर भारत के तहत पहल और परिचालन दक्षता में सुधार के कदमों ने औद्योगिक क्षेत्र को अपनी प्रगति बनाए रखने में मदद करेगा।

सेवाएं

  • सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सेवा क्षेत्र का योगदान 50 प्रतिशत है तथा 2021-22 की पहली छमाही के दौरान इस क्षेत्र में 10.8% की वृद्धि दर्ज की गई है।
  • समग्र सेवा क्षेत्र जीवीए में 2021-22 में 8.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
  • अप्रैल-दिसम्बर, 2021 के दौरान रेल मालभाड़ा ने पूर्व-महामारी स्तर को पार कर लिया है, जबकि हवाई मालभाड़ा और बंदरगाह यातायात लगभग अपने पूर्व-महामारी स्तरों तक पहुंच गये हैं।
  • हवाई और रेल यात्री यातायात में धीर-धीरे वृद्धि हो रही है, जो यह दर्शाता है कि महामारी की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर का प्रभाव कहीं अधिक कम था।
  • वर्ष 2021-22 की पहली छमाही के दौरान सेवा क्षेत्र ने 16.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त किया, जो भारत में कुल एफडीआई प्रवाह का लगभग 54 प्रतिशत है।
  • आईटी-बीपीएम सेवा राजस्व 2020-21 में 194 बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। इस अवधि के दौरान इस क्षेत्र में 1.38 लाख कर्मचारी शामिल किए गए।