अप्रैल-नवम्बर, 2021 के दौरान औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक (आईआईपी) बढ़कर 17.4 प्रतिशत (वर्ष दर वर्ष) हो गया। यह अप्रैल-नवम्बर, 2020 में (-)15.3 प्रतिशत था।
प्रभावः उद्योगों के विस्तार को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) की शुरूआत तथा आधारभूत संरचना को बढ़ावा देने के लिए भौतिक तथा साथ ही डिजिटल दोनोंलेनदेन की लागत को कम करने तथा व्यापार की सुगमता में सुधार के लिए निरंतर उपायों के साथ, पुनःप्राप्ति की गति को सहयोग करेगा।
साथ ही घरेलू विनिर्माण क्षमता को बढ़ावा देने के लिए मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम, कॉर्पाेरेट कर की दर में कमी, सहित आत्म निर्भर भारत के तहत पहल और परिचालन दक्षता में सुधार के कदमों ने औद्योगिक क्षेत्र को अपनी प्रगति बनाए रखने में मदद करेगा।
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