ग्लोबलाईजेशन या वैश्वीकरण का अगर हम निष्पक्ष तरीके से मौजूदा समय में आकलन करें तो पायेंगे कि. कोविड-19 महामारी के दुनिया में आने और फिर छा जाने से बहुत पहले ही- वैश्वीकरण की उदार व्यवस्था न सिर्फ धीरे-धीरे कमजोर पड़ रही थी। महामारी ने सामाजिक मूल्यों का महत्व हमें समझाया है। इसमें आत्मनिर्भर होना, स्वच्छ रहना, बचत का महत्व, क्षमा, दया, परोपकार आदि प्रमुख हैं।
महामारी से निपटने के मूल्य, चुनौती और महत्व
करुणा दुनिया के सभी प्रमुख धर्मों तथा समाजों का एक प्रमुख मूल्य तथा विशेषता है और ‘स्वास्थ्य देखभाल’ (Universal Welfare) जैसे व्यवसायों के लिए आवश्यक आधारभूत मानवीय मूल्य है। करुणा का अर्थ होता है, ‘दुख साझा करने का भाव’। करुणा से भरे लोग तथा नीतियां दुखों की पहचान कर उनके उपशमन (Alleviation) का प्रयास करते हैं।