इंद्र कुमार गुजराल ने एच-डी- देवेगौड़ा सरकार में केंद्रीय विदेश मंत्री रूप में भारत की विदेश नीति के निर्धारण हेतु ‘गुजराल सिद्धांत’ का प्रतिपादन किया था, जिसे भारत की विदेश नीति में मील का पत्थर माना जाता है।
गुजराल सिद्धांत भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों के संचालन का मार्गदर्शन करने हेतु पांच सिद्धांतों का एक समूह है। ये पांच सिद्धांत इस विश्वास से उत्पन्न होते हैं कि भारत की शक्ति को पड़ोसी देशों के साथ उसके संबंधों की महत्ता से अलग नहीं किया जा सकता है।
इसलिये यह सिद्धांत पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।