अक्टूबर, 2020 में, 2500 ईसा पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता में डेयरी उत्पादन प्रचलित होने संबंधी साक्ष्यों की पहली बार वैज्ञानिक रूप से पुष्टि हुई है और यह अब तक, डेयरी उत्पादन के प्राचीनतम ज्ञात प्रमाण है।
प्रमुख निष्कर्षः निष्कर्षों के आधार पर पता चला है कि भारत में डेयरी उत्पादन करीब 3000 साल ईसा पूर्व में शुरू हुआ, जो कि सिंधु घाटी सभ्यता को जीवित रखने के पीछे एक कारक हो सकता है।
डेयरी उत्पादन का औद्योगिक स्तरः हड़प्पावासी डेयरी-पदार्थों को केवल अपनी घरेलू जरूरतों के लिए उपयोग नहीं करते थे। पशुओं के बड़े झुंडों संबंधी साक्ष्यों से पता चलता है कि विभिन्न बस्तियों के बीच विनियम करने के उद्देश्य से दूध का निजी आवश्यकता से अधिक उत्पादन किया जाता था।
चोल काल के शिलालेख की प्राप्ति
सितम्बर, 2020 आंध्र प्रदेश के कुडप्पा (Kadapa) जिले में खुदाई के दौरान रेनाटी चोल युग (Renati Chola Era) के शिलालेख (Rare Inscription) की प्राप्ति हुई है।
रेनाति चोल
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