पराली दहन से निपटने हेतु बायो डीकंपोजर

दिल्ली सरकार द्वारा फसल कटाई के बाद बची पराली को सड़ाने के लिए खेतों में ‘जैव-अपघटक घोल’/‘बायो-डीकंपोजर सलूशन’ (Bio-Decomposer Solution) का छिड़काव शुरू कर दिया गया है।

  • दिल्ली सरकार, इस ‘जैव-अपघटक’ घोल को पराली दहन के समाधान के रूप में देखती है और अन्य राज्यों से इस पद्धति को अपनाने का आग्रह करती रही है।

जैव-अपघटक का निर्माण

इस तकनीक में प्रयुक्त जैव-अपघटक घोल को पूसा डीकंपोजर (Pusa Decomposer) भी कहा जा रहा है।

  • पूसा डीकंपोजर सात कवकों का एक मिश्रण होता है जो पराली (Paddy Straw) में पाए जाने वाले सेल्युलोज, लिग्निन और पेक्टिन को गलाने वाले एंजाइम का उत्पादन करता है।
  • यह कवक 30-32 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले वातावरण विकसित होते है, और धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के समय यही तापमान होता है। पूसा डीकंपोजर कैप्सूल (Decomposer Capsules) का उपयोग करके एक ‘अपघटक घोल’ बनाया जाता है।