यान-हरण निवारण अधिनियम (एंटी-हाइजैकिंग एक्ट) का उद्देश्य हेग हाइजैकिंग कन्वेंशन और बीजिंग प्रोटोकॉल सप्लीमेंट्री कन्वेंशन 2010 को लागू करना है। इस अधिनियम को एंटी-हाइजैकिंग अधिनियम, 1982 के स्थान पर लागू किया गया और हाईजैकिंग को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है। इसके अंतर्गत तकनीकी साधनों का उपयोग कर विमान हरण या नियंत्रण के प्रयास को शामिल किया गया है। इस संभावना को भी इसमें समाहित किया गया है कि अपहरणकर्त्ता शारीरिक रूप से विमान में मौजूद नहीं हो सकता है।
इस अधिनियम का अधिकार क्षेत्र सार्वभौमिक है औरइसके अंतर्गत निम्नलिखित तथ्यों को शामिल किया गया है-
इस अधिनियम में ‘सेवा’ शब्द को भी व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है। इसके अंतर्गत ग्राउंड कर्मियों द्वारा पूर्व-उड़ान तैयारियों के समय से ही विमान को सेवा में समझा जाएगा या चालक दल द्वारा उड़ान सेवा की शुरुआत करने के 24 घंटे बाद तक भी उड़ान को सेवा में माना जाएगा।
अधिनियम के विवादित मुद्दे
इस अधिनियम में सीमा शुल्क एवं पुलिस सेवा में उपयोग किए जाने वाले विमानों को शामिलनहीं किया गया है।
संभावित उपाय अधिनियम को व्यापक बनाते हुए सीमा शुल्क एवं पुलिस सेवा से जुड़े विमानों का प्रावधान लाना चाहिए।
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