27 अगस्त, 2018 को नागरिक उड्डयन नियामक (DGCA) ने सामान्य नागरिकों द्वारा ड्रोन (रिमोट पाइलेटेड एयरक्राफ्रट सिस्टम) के संचालन के लिए अंतिम दिशा-निर्देश जारी किए। इसे 1 दिसंबर, 2018 से लागू किया गया।
इसके मुख्य प्रावधान निम्नलिखित हैं-
DGCA ने ड्रोन को कई श्रेणियों में वर्गीकृत किया है- नैनो (250 ग्राम तक वजन); माइक्रो (250 ग्राम से अधिक, लेकिन 2 किलो से कम); छोटा (वजन 2 किलोग्राम से 25KG तक); मध्यम (25 किग्रा से 150 किग्रा तक वजन); बड़ा (150KG से अधिक वजन)।
नैनो श्रेणी से बड़े प्रत्येक ड्रोन को विमानन नियामक से एक विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईएन) प्राप्त करना होगा।
सभी ड्रोनों को अनिवार्य उपकरण आवश्यकताओं जैसे कि जीपीएस, एंटी-टकराव प्रकाश, आईडी प्लेट, रेडियो- आवृत्ति पहचान (आरएफआईडी) और सिम सुविधाओं आदि को पूरा करना होगा।
विभिन्न आकार के ड्रोन (नैनो, माइक्रो आदि) के लिए अलग-अलग मानदंडों को सूचीबद्ध किया गया है।
नियामक (DGCA) ने ‘नो-ड्रोन जोन’ की 12 श्रेणियों को सूचीबद्ध किया है। इनमें मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बंगलुरु और हैदराबाद के उच्च यातायात वाले हवाई अड्डों की परिधि से 5 किमी तक का क्षेत्र शामिल है। अन्य हवाई अड्डों के लिए, नो-ड्रोन जोन 3 किमी तक रखा गया है। ड्रोन नियंत्रण रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा सहित अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से 25 किमी तक नहीं उड़ सकता है।