सरकार द्वारा कुछ राजमार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने और इससे संबन्धित मामलों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 को अधिनियमित किया गया था। यह सरकार को किसी अन्य राजमार्ग को अधिसूचना के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का अधिकार देता है। अधिनियम की अनुसूची में मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्गों को निर्दिष्ट किया जाता है।
इस अधिनियम के तहत सभी राष्ट्रीय राजमार्ग संघ सरकार के अन्तर्गत होंगे। इसमें ऐसे सभी पुल, पुलिया, सुरंगें, कार्यवाहियाँ, कैरिजवे, बाड़, पेड़, चौकी और सीमाएँ और राजमार्गों पर या उसके आसपास निर्मित अन्य संरचनाएँ शामिल होंगी। केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होगी कि वह सभी राष्ट्रीय राजमार्गों की उचित विकास, मरम्मत और रख-रखाव करे। इसके साथ ही वह अपनी शक्ति किसी को भी सौंप सकता है। लेवी शुल्क भी केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।