सरकार ने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन आधारित सहायता योजना के साथ-साथ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ)द्वारा प्राप्त निर्यात प्रोत्साहन योजना का प्रस्ताव रखा।
डब्ल्यूटीओ के सब्सिडी व प्रतिकार उपायों पर समझौते के विशेष और अंतर प्रावधानों के तहत, तथाकथित कम विकसित देशों तथा विकासशील देशों, जिनकी प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI) प्रतिवर्ष $1,000 से कम है; को विनियमित दर से निर्यात करने की अनुमति है।
2017 में सब्सिडी और प्रतिकार उपायों पर समिति अधिसूचना के अनुसार, भारत की प्रति व्यक्ति जीएनआई 2015 में लगातार तीन वर्षों के लिए 1,000 डॉलर को पार कर गई।
भारत ने तर्क दिया है कि चूंकि पहले से ही 1,000 $ से ऊपर वाले देशों को इस व्यवस्था को समायोजित करने हेतु आठ साल दिए गए थे, इसलिए इसे अपनी निर्यात नीति को बदलने के लिए भी समान समय मिलना चाहिए।