अक्टूबर, 2019 में सरकार ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (पीजीसीआईएल) को ‘महारत्न’ का दर्जा दिया।
महारत्न का दर्जा, परिचालन एवं वित्तीय मामलों में अधिक स्वायत्तता प्रदान करेगा और वित्तीय निर्णय लेने के लिए बोर्ड की शक्तियों को भी बढ़ायेगा।
इन सार्वजनिक उपक्रमों के बोर्ड को संयुक्त उद्यम स्थापित करने एवं अधिग्रहण के सम्बन्ध में अन्य सीपीएसई से अधिक स्वतंत्राता प्राप्त होती है।
बोर्ड कर्मियों से संबंधित योजनाओं के साथ-साथ मानव संसाधन प्रबंधन तथा प्रशिक्षण का संचालन और कार्यान्वयन भी कर सकता है।
निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करने वाले सीपीएसई को महारत्न का दर्जा प्रदान किया जाता हैः
नवरत्न का दर्जा प्राप्त हो।
भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के साथ सेबी के नियमों के तहत न्यूनतम निर्धारित सार्वजनिक शेयरधारिता होना।
पिछले तीन वर्षों के दौरान 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की औसत वार्षिक कारोबार।
पिछले तीन वर्षों के दौरान औसत वार्षिक निवल संपत्ति का 10,000 करोड़ रुपये से अधिक होना।
पिछले 3 वर्षों के दौरान 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की औसत वार्षिक शुद्ध लाभ।
महत्वपूर्ण वैश्विक उपस्थिति या अंतरराष्ट्रीय संचालन आदि।