ड्रोन तकनीक भारत में अभी भी प्रारंभिक चरण में है। भारत में सक्षम ड्रोन तंत्र के निर्माण के लिए वैश्विक प्रौद्योगिकियों और निवेश की जरूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत की ड्रोन नीति 1.0 जारी की, जो संबंधित हितधारकों की चिंताओं को संबोधित और समायोजित करती है। ड्रोन नीति 1.0 हवाई क्षेत्र को तीन अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित करती है- रेड (नो-फ्लाई जोन), येलो (प्रतिबंधित अनुमति) और ग्रीन (सभी की पहुँच में)।
डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म एक अद्वितीय मानव रहित यातायात प्रबंधन (UTM) प्रणाली है, जो हर उड़ान के लिए ऑपरेटरों को तत्काल (ऑनलाइन) क्लीयरेंस देने के अलावा ड्रोन और ऑपरेटरों के पंजीकरण और लाइसेंस की सुविधा प्रदान करेगा।
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दिशा-निर्देशः नैनो ड्रोन (250 ग्राम वजन) से बड़े हर ड्रोन को विमानन नियामक से एक विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईएन) प्राप्त करना होगा। ड्रोन को केवल दिन के उजाले के दौरान ही उड़ाया जायेगा और इसके लिए स्थानीय पुलिस को सूचित करना होगा।