वर्ष 2019 में संपन्न हुए 17वीं लोकसभा चुनाव में भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) की भूमिका विभिन्न कार्यों के कारण विवाद का विषय बना रहा; क्योंकि कांस्टीटड्ढूशनल कंडक्ट ग्रुप (सेवानिवृत्त सिविल सेवकों का एक समूह) द्वारा राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा गया था, जिसमें निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता और सत्तारूढ़ दल द्वारा आदर्श आचार संहिता (MCC) का किया जा रहा अनुपालन पर संदेह व्यक्त किया गया था।
MCC के उल्लंघन के विभिन्न मामलों, जैसे-राजनीतिक रैलियों में भारतीय सेना के नाम का उपयोग (यद्यपि ECI द्वारा इसके विरुद्ध चेतावनी दी गई थी), भारत के प्रथम एंटी-सैटेलाइट (AAT) के परीक्षण की घोषणा, शीर्ष अधिकारियों के स्थानांतरण, वोटर वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT), राजस्थान के राज्यपाल द्वारा MCC का उल्लंघन आदि के प्रति ECI की अनुक्रिया को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
अनुच्छेद 324 के अंतर्गत निर्वाचन आयोग को पूर्ण (निरपेक्ष) शक्तियां प्राप्त हैं, परन्तु अभी भी यह संसद द्वारा निर्मित विधानों के अनुसार कार्य करता है और इसके द्वारा इन विधानों से परे जाकर कार्य नहीं किया जा सकता है।