केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी बनाम सुभाष चंद्र अग्रवाल वाद में उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायधीशों की संविधान पीठ ने घोषणा की है कि भारत के मुख्य न्यायधीश का कार्यालय सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत एक सार्वजनिक प्राधिकरण है।
सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 2(h) के अनुसार सार्वजनिक प्राधिकरण से तात्पर्य ऐसे प्राधिकरण/प्राधिकारी या निकाय अथवा स्वायत्त सरकारी संस्थान से है, जिसकी स्थापना या गठन संविधान द्वारा या उसके अधीन संसद या राज्य विधान-मंडल द्वारा बनाई गयी किसी अन्य विधि द्वारा ऐसा निकाय जो समुचित सरकार के स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या उसके द्वारा पर्याप्त रूप से वित्तपोषित हो तथा ऐसा गैर-सरकारी संगठन जो समुचित सरकार द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध करायी गई निधियों द्वारा सारभूत रूप से वित्तपोषित हो।