बीएडीपी की शुरुआत वर्ष 1986-87 में पाकिस्तान लगे राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों के संतुलित विकास के लिए की गई थी, जिसके अंतर्गत जम्मू और कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान शामिल थे। बाद में इसे सभी सीमवर्ती राज्यों तक बढ़ा दिया गया था। बीएडीपी का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की विशेष विकासात्मक जरूरतों और कल्याण को पूरा करना है। यह केंद्रीय / राज्य / बीएडीपी / स्थानीय योजनाओं और भागीदारी दृष्टिकोण के माध्यम से पूरे सीमावर्ती क्षेत्रों को आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण को प्रोत्साहित करता है।
नोटः पहले बीएडीपी 100% केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम था। 2015-16 से इसे कोर सेंट्रली स्पॉन्स्ड स्कीम (CSS) के रूप में वर्गीकृत किया गया है और अब यह राष्ट्रीय विकास एजेंडा का हिस्सा है। 8 उत्तर-पूर्वी राज्यों और 3 हिमालयी राज्यों के संबंध में बीएडीपी का नया वित्त पोषण स्वरूप 90:10 (केंद्र साझाः राज्य साझा) और 6 अन्य राज्यों (बिहार, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल) के संबंध में यह 60:40 के अनुपात में है।