भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC)

यह भारत का प्रमुख बहु-अनुशासनात्मक अनुसंधान केंद्र है, जो परमाणु विज्ञान, इंजीनियरिंग और संबंधित क्षेत्रों पर उन्नत शोध करता है। इसकी स्थापना 1954 में भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉ- होमी जहांगीर भाभा द्वारा की गई थी। इसका मुख्यालय ट्रॉम्बे, महाराष्ट्र में है।

  • डॉ- होमी जहांगीर भाभा ने 1945 में परमाणु विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान करने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TFR) की स्थापना की।
  • जनवरी 1954 में डॉ- होमी जहांगीर भाभा ने बहु-विषयक अनुसंधान कार्यक्रम के लिए परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान, ट्रॉम्बे (AEET) की स्थापना की और परमाणु रिएक्टरों पर सभी शोधों को समेकित किया।
  • 1967 में, एईईटी का नाम बदलकर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) रखा गया था।

कार्य

परमाणु ऊर्जा के निरंतर शांतिपूर्ण अनुप्रयोगों, मुख्य रूप से बिजली उत्पादन को बढ़ावा देना। कम्प्यूटरीकृत मॉडलिंग और सिमुलेशन तथा नए रिएक्टर ईंधन सामग्री के परीक्षण के माध्यम से रिएक्टरों के सैद्धांतिक डिजाइन बनाना।

  • ईंधन प्रसंस्करण और परमाणु कचरे के सुरक्षित निपटान में अनुसंधान का संचालन करना।
  • उद्योगों, चिकित्सा, कृषि आदि में समस्थानिकों के अनुप्रयोगों पर ध्यान देना।
  • देश भर में अनुसंधान रिएक्टरों को सुरक्षित रूप से संचालित करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करना।
  • उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों जैसे त्वरक, माइक्रो इलेक्ट्रॉन बीम, सामग्री डिजाइन आदि में अनुसंधान का संचालन करना।

पहल

जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में गया विकिरण अनुसंधान किया है।

  • रोग प्रतिरोधक और उच्च उपज देने वाली फसलों के किस्मों का विकास किया है।
  • विद्युत उत्पादन के लिए तरल धातु मैग्नेटो हाइड्रो डायनामिक्स में अनुसंधान किया है।
  • बुनियादी विज्ञानों में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए डॉ- होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान की शुरुआत किया है।
  • इसके द्वारा अनुपम नाम से कंप्यूटर का अपना बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है।
  • इसे परमाणु उर्जा के क्षेत्र में अग्रणी शोध संस्थानों माना जाता है, जो IGCAR (इंदिरा गांधी सेंटर फॉर एटॉमिक रिसर्च), RRCAT (राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी) और VECC (वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन सेंटर) से भी संबद्ध है।