एआई पूरे प्रौद्योगिकी परिदृश्य पर हावी हो रहा है और व्यवसायों को बदल रहा है; विशेष रूप से उपभोक्ता केंद्रित कंपनियों को। एआई के बढ़ते प्रसार के साथ, इसका प्रभाव अन्य उद्योगों में भी देखा जा सकता है।
2017 में संचालित पीडब्ल्यूसी के एक अध्ययनानुसार, एआई को अपनाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था 2030 तक 14 प्रतिशत बढ़ जाएगी। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में 15.7 ट्रिलियन डॉलर को जोड़ेगी।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और हेल्थकेयर
कृत्रिम बुद्धिमत्ता की स्वास्थ्य देखभाल उद्योग के हर पहलू में क्रांति लाने की क्षमता है, अस्पताल की देखभाल से लेकर नैदानिक अनुसंधान, दवा विकास से लेकर बीमा तक। भारी मात्रा में उत्पन्न डेटा को संसाधित और विश्लेषण करने में इसका उपयोग किया जा सकता है, जिससे डॉक्टरों को उपचार के बारे में अधिक सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और बैंकिंग
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ई-कॉमर्स
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग कर आपूर्ति शृंखला को अधिक कुशल और अनुकूलित बनाया जा सकता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और विनिर्माण
अन्य क्षेत्रों के साथ, विनिर्माण भी एआई द्वारा प्रभावित हुआ है, विशेष रूप से औद्योगिक स्वचालन के विकास में।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं तकनीक
प्रौद्योगिकी क्षेत्र एआई की स्वचालित क्षमता से काफी लाभ प्राप्त करने के लिए तत्पर है, जिससे अनुकूलतम बुनियादी ढांचे के माध्यम से बड़े पैमाने पर धन की बचत हो सकती है। इसके अलावा, साइबर खतरों की आशंका को देखते हुए, साइबर सुरक्षा को बनाए रखने में एआई की बड़ी भूमिका है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं परिवहन
दुनिया भर में परिवहन से सम्बंधित समस्या बढ़ रही है और एआई इस क्षेत्र में व्यापक बदलाव ला सकता है।
प्रभाव और एआई के साथ जुड़ी चुनौतियां
अगर इन क्षेत्रों को संयुक्त कर दिया जाए और विश्व अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से देखा जाए, तो एआई का प्रभाव विश्व आर्थिक विकास को महत्वपूर्ण रूप से बदलने वाला है।
सुझाव
कुल मिलाकर, जो तस्वीर उभरती है, वह बढ़ती वेतन और रोजगार के अवसर की असमानता दर्शाती है। बेहतर कौशल से युक्त समूह एआई को अपनाने से उत्पन्न अवसर का अपेक्षाकृत अधिक लाभ प्राप्त करेंगे। इसलिए सरकार को एआई अनुसंधान, कुशल बल और बुनियादी ढाँचे में निवेश करना चाहिए।