भारत के परिप्रेक्ष्य में
भारत ने इस अभिसमय का अनुमोदन 9 मई, 2011 को किया।
पृष्ठभूमि
भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय को 31 अक्टूबर, 2003 को अपनाया गया और 14 दिसंबर, 2005 को इसे लागू किया गया। अभिसमय के 186 देश पक्षकार हैं। अभिसमय में पांच मुख्य क्षेत्र शामिल हैं- निवारक उपाय, अपराधीकरण और कानून प्रवर्तन, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, संपत्ति की वसूली और तकनीकी सहायता तथा सूचना का आदान-प्रदान। अभिसमय में भ्रष्टाचार के कई अलग-अलग रूप शामिल हैं। जैसे रिश्वत, प्रलोभन में व्यापार, कार्यों का दुरुपयोग और निजी क्षेत्र में भ्रष्टाचार के विभिन्न कार्य।