रॉटरडैम अभिसमय

उद्देश्यः

  • मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को संभावित नुकसान से बचाने के लिए कतिपय खतरनाक रसायनों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पक्षकार देशों के बीच साझा जिम्मेदारी और सहकारी प्रयासों को बढ़ावा देना।

प्रमुख प्रावधानः

इस अभिसमय में लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 2 प्रावधान किए गए हैं-

1. पूर्व सूचित सहमतिः अभिसमय के अनुलग्नक-III में सूचीबद्ध प्रत्येक रसायन के लिए पूर्व सूचित सहमति प्रक्रिया के अधीन एक निर्णय मार्गदर्शन दस्तावेज (Decision Guidance Document-DGD) तैयार किया जाता है और सभी दलों को भेजा जाता है।

DGD का उद्देश्य सरकारों को रसायनों के प्रबंधन और उपयोग से जुड़े जोखिमों का आंकलन करने और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, रासायनिक आयात और रासायनिक उपयोग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद करना है। सभी पक्षकारों को यह निर्णय लेने की आवश्यकता होती है कि वे सम्मेलन के अनुलग्नक प्प्प् में सूचीबद्ध प्रत्येक रसायन के भविष्य के आयात की अनुमति देंगे या नहीं। इन निर्णयों को आयात प्रतिक्रियाओं के रूप में जाना जाता है।

2. सूचना का आदान प्रदानः अभिसमय संभावित खतरनाक रसायनों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए पक्षकारों के बीच सूचना विनिमय की सुविधा प्रदान करता है। अभिसमय के अनुसार प्रत्येक पार्टी को खतरनाक रसायनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए घरेलू नियामक कार्रवाई करते समय सचिवालय को सूचित करने की आवश्यकता होती है।

भारत के परिप्रेक्ष्य में

भारत ने इस अभिसमय का 24 मई, 2005 को अनुमोदन किया और इसे भारत में 22 अगस्त, 2005 से लागू किया गया।

पृष्ठभूमि

पूर्व सूचित सहमति प्रक्रियाओं (Prior Informed Consent -PIC) पर आधारित रॉटरडैम अभिसमय को 10 सितंबर, 1998 को रॉटरडैम, नीदरलैंड में अंगीकृत किया गया यह 24 फरवरी, 2004 को लागू हुआ। इस अभिसमय के 161 पक्षकार तथा 71 हस्ताक्षरकर्ता हैं।