यह संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय संधि है। 22 मई, 2001 को स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों पर स्टॉकहोम अभिसमय को अंगीकृत किया गया और 17 मई, 2004 को इसे लागू किया गया। इस अभिसमय के 182 पक्षकार तथा 152 हस्ताक्षरकर्ता हैं।
उद्देश्यः
स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (Persistent Organic Pollutants-POPs) के उत्पादन और उपयोग को खत्म करना या प्रतिबंधित करना है।
भारत ने इस अभिसमय पर 14 मई, 2002 को हस्ताक्षर किए और 13 जनवरी, 2006 को अनुमोदन किया। डीडीटी का उपयोग भारत में प्रतिबंधित है। कृषि प्रयोजनों के लिए डीडीटी का उपयोग प्रतिबंधित है, इसका केवल वेक्टर नियंत्रण में उपयोग के लिए सीमित तरीके से उत्पादन होता है, क्योंकि भारत को वेक्टर नियंत्रण के लिए डीडीटी के उपयोग के लिए छूट प्राप्त है।