मीडिया जनता तक सूचना एवं उसकी सच्चाई, किसी मुद्दे के प्रति जनता को जानकारी पहुंचाने का एक माध्यम है। यह प्रिंट मीडिया यथा-समाचार पत्र,पत्रिकाओं तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के रूप में होता है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में ‘मीडिया’ की कल्पना की गई है।
यही कारण है कि जब-जब देश में संक्रमणकारी स्थितियां उत्पन्न होती हैं तब-तब देशवासियों की अपेक्षाएं समाचार पत्रें एवं पत्रिकाओं से बढ़ जाती है। आज के परिवेश में ‘मीडिया’ व्यापक रूप में जन्म ले चुका है, जिसमें रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा एवं इंटरनेट समाहित हैं। मीडिया एवं राजनीति आज, जिस प्रकार एक दूसरे से जुड़ गया है, उससे मीडिया को ‘नीति निर्माण’ एवं नीति के क्रियान्वयन में अप्रत्यक्ष रूप से शक्ति प्राप्त हुई है।
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति-2013 राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति सभी संबंधित हितधारकों, उपयोगकर्ताओं और जनता के साथ परामर्श के बाद तैयार की गई है। इसकी मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैंः
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भूमंडलीकरण के साथ मीडिया की यह जिम्मेवारी और अधिक बढ़ गई है। मीडिया की भूमिका अब राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि मानते हुए वैश्विक मुद्दों के साथ अपने राष्ट्र के मुद्दो को भी वैश्विक परिदृश्य में उजागर करना है।
भारत आज सांप्रदायिकता, नक्सलवाद, आतंकवाद, साइबर हमला, नकली मुद्रा प्रसार, मानव एवं मादक पदार्थो की तस्करी, उग्रवादी गुटों के विद्रोह जैसी आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहा है, लेकिन मीडिया इन चुनौतियों से निपटने में आम जनता एवं सरकार की मदद करने के बजाए इनकों बढ़ावा देने में प्रत्यक्ष भूमिका निभाती है। जैसे देश में सांप्रदायिक दंगों की स्थिति में मीडिया द्वारा इनकी लाइव कवरेज तथा व्यक्ति विशेष के सांप्रदायिक भाषणों/बयानों के प्रसारण आदि गतिविधियां इन दंगों की स्थिति को और अधिक गंभीर बनाती है। तथा साथ ही अन्य क्षेत्रें में भी इनके प्रसार में सहायक होती है।
इसके अतिरिक्त देश में होने वाले आतंकी हमलों के मीडिया द्वारा सीधे प्रसारण से कई बार आतंकवादियों को बेहतर स्थिति में पहुंचने का मौका मिल जाता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण 26/11 के मुंबई हमले में भी दिखाई पड़ा था। कई अवसरों पर विभिन्न नक्सली एवं आतंकवादियों के द्वारा भी अपनी सैद्धांतिक बातों को प्रसारित करने के लिए मीडिया का साथ मिल जाता है, जो कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करता है।
इन सारी गतिविधियों से बचने के लिए तथा देश की सुरक्षा में अपना योगदान देने हेतु मीडिया को स्वनियमन को अपनाना चाहिए। जैसे-अलगाववाद, आतंकवाद को प्रसारित कर रही खबरों को नहीं चलाना चाहिए, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गुप्त खबरों को सनसनी बनाकर नहीं चलाना चाहिए आदि।