क्षेत्रीय परिषद् की अवधारणा सर्वप्रथम पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 द्वारा भारत को पांच क्षेत्रों में बॉंटा गया है। प्रत्येक क्षेत्र के सामान्य हित के विषयों पर विचार विमर्श के लिए क्षेत्रीय परिषदों का निर्माण किया गया है-
इसके अतिरिक्त पूर्वोत्तर परिषद् अधिनियम 1971 के अधीन एक पूर्वोत्तर परिषद् भी बनाई गई है जो कि असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैण्ड, त्रिपुरा, अरूणाचल प्रदेश तथा मिजोरम की सम्मिलित समस्याओं पर विचार विमर्श करती है। 23 नवंबर, 2002 को सिक्किम को भी पूर्वोत्तर परिषद् में शामिल किया गया और इसे पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् से हटाने की प्रक्रिया गृह मंत्रालय द्वारा आरंभ कर दी गई है।