नवंबर, 1989 में स्वायत्त संगठन के रूप में स्थापित राष्ट्रीय खुला विद्यालय का उद्देश्य स्कूल छोड़कर जाने वाले और जो औपचारिक रूप से स्कूल नहीं जा सकते, उनके लिए माध्यमिक स्तर पर सुदूर शिक्षा के माध्यम से स्तरीय शिक्षा प्रदान करना था। यह मानव संसाधन मंत्रलय के शिक्षा विभाग के अधीन कार्य करने वाला स्वायत्त शैक्षणिक संस्था है। इस विद्यालय के पास डिग्री पूर्व स्तर के पाठ्यक्रमों को पंजीकृत छात्रें की परीक्षा लेने और प्रमाण-पत्र जारी करने का अधिकार है।
इस विद्यालय के प्रमाण-पत्र उच्च शिक्षा में दाखिले तथा रोजगार के लिए भी मान्यता प्राप्त है। विद्यार्थियों को उनकी आवश्यकताओं, रुचियों और योग्यताओं के अनुसार विषयों को चुनने की स्वतंत्रता है तथा उन्हें शैक्षिक विषयों को व्यावसायिक विषयों के साथ मिलाकर पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
ग्रामीण युवा और लड़कियों, महिलाओं, अनुसूचित जाति व जनजाति, विकलांग, भूतपूर्व सैनिकों को राष्ट्रीय खुला विद्यालय द्वारा प्राथमिकता दी जाती है।