इसका गठन 1992 में किया गया। इसका उद्देश्य राज्य मुक्त विश्वविद्यालयों तथा दूरस्थ शिक्षा संस्थाओं का एक ऐसा नेटवर्क तैयार करना जिससे इस क्षेत्र में कार्यरत संस्थाएं एक-दूसरे के साथ संबंध स्थापित करके लाभान्वित हो सके। इसके प्रमुख कार्यों में सेवारत व्यक्तियों की सतत शिक्षा की पूर्ति हेतु कार्यक्रम तैयार करना, राज्य मुक्त विश्वविद्यालयों के लिए मार्ग निर्देशन तैयार करना तथा स्वरोजगार से संबंधित क्षेत्रें शिक्षण के कार्यक्रमों की व्यवस्था करना।