हरित क्रांतिः यह भारतीय कृषि में प्रमुख तकनीकी ब्रेकथू पर आधारित है। इसमें (1) उच्च उत्पादकता वाले बीजों का प्रयोग (2) सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था एवं (3) रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग हुआ जो अंततः कृषि को उत्पादकता में सहायक हुए।
श्वेत क्रांतिः यह देश में दुग्ध उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि एवं राष्ट्रीय दुग्ध ग्रिड को स्थापित करके दुग्ध के क्षेत्रीय एवं मौसमीय असंतुलन को संतुलित करने पर आधारित है। श्वेत क्रांति के तकनीकी इनपुट इस तरह हैं-
नीली क्रांतिः यह ताजे एवं समुद्री पानी से मछली पकड़ने में होने वाली वृद्धि को दर्शाती है।
पीली क्रांतिः यह पॉल्ट्री (मुर्गीपालन) के उत्पादों की भरोसेमंद एवं उल्लेखनीय आपूर्ति पर आधारित है।