दूसरे वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर 1962 में केंद्र सरकार ने ‘केंद्रीय विद्यालय संगठन’ की योजना को मंजूरी दी। शुरू में विभिन्न राज्यों में स्थित 20 सेना रेजिमेंटों के 20 स्कूलों का सेंट्रल स्कूलों के रूप में अधिग्रहण किया गया था। 1965 में केंद्रीय विद्यालय संगठन के रूप में एक स्वायत्तशासी निकाय का गठन किया गया, जिसका उद्देश्य रक्षाकर्मियों एवं अर्ध सैनिक बलों के कर्मचारियों सहित अखिल भारतीय सेवाओं और देश भर में स्थानांतरित होने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों की एक समान शिक्षा की आवश्यकता पूरी करना था।