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भूमि सुधार के आर्थिक लाभ
दिसंबर 2015 तक 67 लाख एकड़ भूमि अतिरिक्त (surplus) थी।
सरकार ने इसमें से 61 लाख एकड़ भूमि कब्जे में लिया और 51 लाख एकड़ भूमि, 57 लाख लोगों में बांटा है।
ग्रामीण भूमिहीन किसान को 2002 में औसतन 0.95 एकड़ भूमि बांटी गयी था, जबकि 2015 में औसतन 0.88 एकड़ भूमि बांटी गयी।
2002 से 2015 के बीच हर साल 4,000 एकड़ भ्ाूमि को अतिरिक्त (surplus) भूमि घोषित किया गया।
2011.12 की कृषि जनगणना के अनुसार 95.1 प्रतिशत भारतीय किसान छोटे, मझौले एवं सीमांत किसान की श्रेणी में आते हैं।
उनके पास क्रमशः 4.94, 9.88 एवं 2.47 एकड़ भूमि है।
ये किसान 68.2 प्रतिशत खेती का काम करते है, जिन्हें भूमि सुधार से लाभ हो सकता है।
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