देश में आपदाओं का मुकाबला करने, उनमें कमी लाने तथा पीडि़त व्यक्तियों का पुनर्वास करने के लिए एक एकीकृत संस्थात्मक तंत्र तैयार करने हेतु 2005 में ‘आपदा प्रबंधन विधेयक’ अधिनियम को पारित किया गया था। इस अधिनियम में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय प्रबंधन प्राधिकरण, मुख्यमंत्रियों की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा जिला न्यायाधीशों की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान है।
इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना के अनुसार सम्बंधित मंत्रलयों और विभागों द्वारा विभागवार योजनाएं तैयार करने का भी प्रावधान है। इसमें आपातकालीन कार्रवाही के लिए राष्ट्रीय आपदा कार्रवाही बल तथा प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के गठन की भी व्यवस्था है। अधिनियम में राष्ट्रीय आपदा कार्रवाही निधि तथा राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण निधि और राज्य तथा जिला स्तरों पर इसी तरह की निधियों के गठन का भी प्रावधान शामिल है।
इसमें पंचायती राज संस्थानों और नगरपालिकाओं जैसे शहरी स्थानीय निकायों सहित स्थानीय निकायों की विशिष्ट भूमिका निर्धारित की गई है।