समाज में जागरूकता लाने के लिए ‘काला सच-द ब्लैक ट्रूथ’ नामक फिल्म हाल ही में रिलीज होने वाली है। यह फिल्म महिला को डायन बताकर अमानवीय अत्याचार किए जाने की आए दिन हो रही घटनाओं पर आधारित है। डायन प्रथा के खिलाफ लोगों को जागरूक बनाने के लिए ‘जेडी पिक्चर' व ‘संभावना संस्थान' ने मिलकर अभियान शुरू की है। हाल ही में झारखंड हाई कोर्ट ने डायन बताकर हत्या के एक मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार को इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर जागरूक अभियान चलाने का आदेश दिया है।
हाई कोर्ट ने इसके लिए ‘डाक्यूमेंटरी फिल्म' बनाने के लिए कहा है। इन घटनाओं के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए असम पुलिस ने ‘प्रोजेक्ट प्रहरी' शुरू किया है।
हाल ही में प्रसारण सामग्री परिषद (Broad Casting Content Complaint Council-BCCC) ने सभी टीबी चैनलों को जादू टोना, भूत प्रेत, अंध विश्वास आदि से संबंधित सामग्री प्रकाशित करते समय सावधानी बतरने की सलाह दी है।
प्रभावित राज्य
महिला आयोग की हाल की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड, असम, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा महराष्ट्र के 50 से अधिक जिलों में महिलाओं को डायन बताकर उनपर अत्याचार किए जाते हैं।
गुजरात के बड़ोदरा, पंचमहल और दाहोद जिले में डायन बताकर हत्या करने के लिए कुख्यात हैं। NCRB के 2014 में जारी आंकड़े के मुताबिक झारखंड में 2012 से 2014 के बीच 127 महिलाओं की हत्या डायन बताकर की गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 200 से अधिक महिलाओं की हत्या डायन होने के शक में की जाती है।
‘लिटिगेशन एंड एनटाइटिलमेंट' केंद्र के अनुसार डायन बताकर हत्या करने के मामले में हरियाणा और ओडिशा भी कम नहीं है। विशेष रूप से यह प्रथा आदिवासियों में पाई जाती है।