पिछले कुछ समय से भारतीय कृषि की संवृद्धि में उतार-चढ़ाव इस प्रकार से रहा- 2012-13 में 1.5%, 2013-14 में 5.6%, 2014-15 में 0.2% एवं 2015-16 में 0.7% तथा 2016-17 में 4.9% (प्रतिवर्ष)
देश की खाद्य एवं पोषण सुरक्षा की आवश्यकता में दबाव कम करने के लिए प्रति व्यक्ति कृषि उत्पादकता को बहुत ज्यादा बढ़ाने की जरूरत है। परंतु दुर्भाग्यवश प्रत्येक उच्च कृषि संवृद्धि वाले वर्ष के बाद न्यून कृषि संवृद्धि वाला वर्ष अब तक रहा है।
यह चक्रीय प्रारुप पंचवर्षीय योजनाओं में स्वयं प्रतिबिम्बित होता है जो इस तरह है- 10वीं पंचवर्षीय योजना में वार्षिक संवृद्धि दर लगभग 3%, 11वीं पंचवर्षीय योजना में 4% एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना के प्रथम 3 वर्षों में 1.7% थी।
कृषि संवृद्धि में अनिश्चितता को निम्न महत्वपूर्ण तथ्य बेहतर तरीके से समझता है। भारत की 55% कृषि वर्षा पर निर्भर है और 2014-15 एवं 2015-16 में वर्षा देश में होने वाली औसत वर्षा से कम रही जिसका सीधा प्रभाव इन वर्षों में कृषि की संवृद्धि दर पर स्पष्ट देखा गया।