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Topper यूपीपीसीएस 2018 एसडीएम पद पर चयन
परिचय
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टाइम मैनेजमेंट और बेहतर रणनीति, सफलता का मूल मंत्र है
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः यूपीपीसीएस 2018 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में परिवार, मित्रें व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया?
मनीष कुमारः जी धन्यवाद! सही दिशा सदैव सफलता को नजदीक लाती है, शिक्षकों व अन्य सीनियर्स ने मेरी इसमें मदद की। मित्रें और परिवारजनों ने सदैव सकारात्मक उत्साहवर्धन किया। इस प्रकार मैं सफलता के नजदीक पहुंच सका।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
मनीष कुमारः शुरुआत में मेरा रुझान वन डे एग्जाम्स के प्रति था। लेकिन मेरे आस-पास ‘सिविल सेवा’ के अधिक विद्यार्थी थे, इस कारण मेरा भी आकर्षण इस प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बढ़ा। सीनियर्स और अन्य डिजिटल माध्यमों से मैंने मदद ली। याद रखिए जिस दिन आपने लक्ष्य तय कर लिया और दृढ़विश्वास के साथ ‘सही दिशा’ में काम शुरू किया वही आदर्श समय है- तैयारी का।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानते हैं कि अंग्रेजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
मनीष कुमारः मेरी मातृभाषा ‘हिन्दी’ थी, इसलिए ‘सिविल सेवा’ में भी मैंने अपनी परीक्षा का माध्यम ‘हिन्दी’ रखा क्योंकि अपनी भाषा में सहज और सरल अभिव्यक्ति की जा सकती है। ‘अंग्रेजी माध्यम’ के लिए अधिक पाठ्यसामग्री उपलब्ध है जो गुणवत्तापूर्ण भी है। यद्यपि हिन्दी भाषी थोड़ा अतिरिक्त मेहनत करें तो यह रुकावट बहुत बड़ी नहीं है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इसके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया?
मनीष कुमारः मेरा वैकल्पिक विषय ‘भूगोल’ था, चूंकि भूगोल एक वृहद विषय है, जिसमें अन्य सामान्य अध्ययन की विषयवस्तु भी सम्मिलित हो जाती है, साथ ही मैं विज्ञान वर्ग से था तो ‘भूगोल’ मुझे अनुकूल विषय भी लगा। इसके अतिरिक्त भूगोल में पाठ्यसामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाती है इस कारण विषय को सम्पूर्णता के साथ पढ़ा जा सकता है। इन सब बिन्दुओं को ध्यान में रखकर मैंने अपने वैकल्पिक विषय का चुनाव किया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुक्त मानते हैं? तीनों चरणों की तैयारी में आपकी समय की रणनीति एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
मनीष कुमारः टाइम मैनेजमेंट और बेहतर रणनीति, सफलता का मूल मंत्र है। प्रीलिम्स (fact + concept) मेंस (concept + answer writting) और इंटरव्यू (व्यक्तिगत परीक्षण), तीनों स्तरों पर हमें रणनीति में बदलाव करके काम करना चाहिए। मेंस, इंटरव्यू की तैयारी साथ में करें। जबकि प्रीलिम्स की तैयारी- प्रीलिम्स पेपर के 4 माह पूर्व से कर सकते हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयार करने का सर्वाेत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठड्ढक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए क्या आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई?
मनीष कुमारः सेलेबस को ध्यान में रखकर विषय-वस्तु को तैयार करें। कोशिश करें कि बिंदुवार सिनॉप्सिस (synopsis) बना लें। समय-समय पर उनका रिवीजन करें और उपयुक्त तथा सारगर्भित भाषा में उत्तर-लेखन अभ्यास करें। करेन्ट अफेयर्स को संबंधित विषय से जोड़कर अभ्यास करें_ इससे आपका उत्तर अधिक प्रासंगिक बनेगा।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
मनीष कुमारः जी अवश्य। अपने नोट्स बनाना और उनसे तैयारी करना सदैव ही अच्छी रणनीति है। सम्पूर्णता में नोट्स बनाएं, साथ ही पेपर के हिसाब से ‘प्वाइंट-वाइज’ नोट्स भी बनाएं ताकि पेपर के समय रिवीजन आसानी से कर सकें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा के प्रश्न-पत्र की तैयारी के लिए आपने क्या किया? छात्रें को इस संदर्भ में आप क्या मार्गदर्शन दे सकते हैं?
मनीष कुमारः Ignited Minds के ‘अमित सर’ के मार्गदर्शन में मैंने ‘नीतिशास्त्र पेपर’ की तैयारी की। नीतिशास्त्र का पेपर अवधारणात्मक स्तर पर मजबूत होना चाहिए, क्योंकि यह पेपर सरल व अंकदायी है। हालांकि इस पेपर को सम्पूर्णता से तैयार करना चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?
मनीष कुमारः निबंध की तैयारी करने के लिए, आपको अपनी विश्लेषण क्षमता को बढ़ाना होगा। प्रसिद्ध व्यक्तित्वों के ‘कोटेशन’ एवं विभिन्न पत्रिकाओं से निबंध संबंधी डेटा एकत्रित कर लेना चाहिए। UPPCS में निबंध के विषय - पूर्व निर्धारित हैं इसलिए उन सब पर कुछ अच्छे निबंधों का अभ्यास कर लेना चाहिए, इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप पेपर में अधिक सहजता से निबंध का चुनाव कर पाएंगे।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए? इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
मनीष कुमारः उत्कृष्ट उत्तर वही है जिसमें प्रश्न की मांग के अनुरूप सभी पहलुओं पर ध्यान दिया गया हो। मैप व अन्य प्रस्तुतिकरण विकल्पों का उपयोग कर अपना उत्तर अन्य अभ्यर्थियों से अच्छा किया जा सकता है। सारगर्भित और उचित शब्दावलियों का उपयोग करें। उदाहरण के लिए ‘अनुसंधान’ की जगह ‘रिसर्च’ शब्द उपयोग करें। इससे समय कम लगेगा और चर्चित शब्द उपयोग होगा।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? क्या किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुए?
मनीष कुमारः व्यक्तित्व का निर्माण कुछ माह में नहीं हो सकता, इसलिए अपनी तैयारी के दौरान ही व्यक्तित्व के निर्माण पर अपना ध्यान दें। जैसे- ‘सर्वोच्च न्यायालय’ न कहकर ‘माननीय सर्वोच्च न्यायालय’ कहें। ध्यान रखें साक्षात्कार देते समय सामान्यतः सभी नर्वस होते हैं लेकिन आपको डरना नहीं है। स्पष्ट जबाव दें, घबराएं नहीं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? वैसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
मनीष कुमारः एक बार कोचिंग अवश्य लेनी चाहिए इससे पूरे पाठ्यक्रम और विषयों को सम्पूर्णता में समझा जा सकता है। कोचिंग समाप्त होने पर ‘सेल्फ-स्टडी’ और ‘डिजिटल प्लेटफॉर्म्स- यू-टयूब, वेबसाइट्स’ आदि का उपयोग करना चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्र को क्या करना चाहिए?
मनीष कुमारः ‘सिविल सेवा’ कैरियर के लिए बेहतर विकल्प है लेकिन इस तैयारी में धैर्य और संयम अधिक चाहिए। नकारात्मक लोगों से बचें, सकारात्मक तैयारी करें। जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं वो ‘स्कॉलरशिप’ टेस्ट दे सकते हैं जिससे कोचिंग में एडमिशन आसानी से हो जाएगा। इसके अतिरिक्त डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का भी प्रयोग करें।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सामान्य धारणा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कैरियर विकल्प भी अपने पास रखना चाहिए। क्या आपने भी कोई कैरियर विकल्प रखा था?
मनीष कुमारः ‘सिविल सेवा’ में धैर्य और संयम अधिक महत्वपूर्ण है इसलिए कॅरियर के लिए एक अन्य विकल्प अवश्य रखना चाहिए। मैंने अन्य विकल्प के लिए ‘उच्च शिक्षा में जाना’ तय कर रखा था। ताकि बेहतर डिग्री कॉलेज में पढ़ा सकूं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
मनीष कुमारः मासिक पत्रिकाएं आपके कंटेन्ट को बढ़ाती हैं। ‘भूगोल और आप’, डाउन टू अर्थ ‘सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल’ का मासिक अंक मैं नियमित रूप से पढ़ता था। इससे करेन्ट अफेयर्स पर पकड़ बेहतर बनती है और वर्तमान मुद्दों पर समझ विकसित होती है। इसके अतिरिक्त यू-ट्यूब, वेबसाइट्स वगैरह मेरे लिए मददगार रहे।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार के बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?
मनीष कुमारः सिविल सेवा की तैयारी करने वाले ज्यादातर प्रतिस्पर्धी ‘क्रॉनिकल पत्रिका’ पढ़ते हैं। इस बात से ही पत्रिका का महत्व समझा जा सकता है। प्रीलिम्स फैक्ट्स, विषयों पर गहरी समझ और उचित शब्दावलियों का उपयोग पत्रिका में सारगर्भित व सहज तरीके से किया जाता है जिससे तैयारी को धार मिलती है।
धन्यवाद