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Topper यूपीपीसीएस 2018 डिप्टी एसपी पद पर चयन
परिचय
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सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः यूपीपीसीएस 2018 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में अपने परिवार, मित्रें व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान दिया?
अभितेष सिंहः जी बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरी सफलता में मेरी पृष्ठभूमि का बड़ा योगदान रहा। मेरा पूरा परिवार (विशेषकर बड़े भैया रितेष), मेरे सभी मित्र (विशेषकर मित्र ओम व ब्रजेन्द्र) एवं शिक्षक इस सफलता के अभिन्न अंग हैं। मैं इस सफलता का बाहरी चेहरा मात्र हूं। इस सफलता में पर्दे के पीछे कई लोगों का योगदान है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने परीक्षा की तैयारी आरंभ कैसे की? तैयारी आरंभ करते समय आपने किन पहलुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया? परीक्षा की तैयारी शुरू करने का आदर्श समय क्या होना चाहिए?
अभितेष सिंहः पारिवारिक माहौल व सिविल सेवा के प्रति लगाव के कारण मैंने तैयारी शुरू की। ‘संकल्पना निर्माण’ पर व वैकल्पिक विषय पर अधिक ध्यान दिया। स्नातक का अंतिम वर्ष एक उचित समय हो सकता है लेकिन यह प्रत्येक व्यक्ति की परिस्थिति पर भी निर्भर करता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः भाषा माध्यम के कारण क्या आपको कोई लाभ हुआ? क्या आप मानते हैं कि अंग्रेजी भाषी लाभप्रद स्थिति में होते हैं?
अभितेष सिंहः जी नहीं। मेरा माध्यम हिन्दी था, जिसमें मुझे हानि ही हुई है। निश्चित रूप से अंग्रेजी माध्यम वाले उम्मीदवार लाभप्रद स्थिति में हैं। आंकड़े इसके गवाह हैं और यह कहना गलत होगा कि भाषा महज एक माध्यम है। भाषा एक 'status symbol' बन गई है, फिर चाहे वह समाज में हो या परीक्षा में।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपका वैकल्पिक विषय क्या था? इनके चयन का आधार क्या था? क्या वैकल्पिक विषय के चयन में आपने कथित लोकप्रियता को भी आधार बनाया या उसमें बदलाव किये?
अभितेष सिंहः मेरा वैकल्पिक विषय भूगोल था। इसके चयन का आधार मेरी रुचि व मेरा इंजीनियरिंग बैकग्राउण्ड था। कथित लोकप्रियता तभी मायने रखती है जब आपकी उस विषय में रुचि हो।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए आप कितना समय उपयुक्त मानते हैं? तीनों की तैयारी में समय की रणनीति आपकी एक जैसी रही या उसमें बदलाव भी किए?
अभितेष सिंहः करीब डेढ़ वर्ष का समय तैयारी के लिए उपयुक्त है लेकिन परीक्षा में चयन कई कारकों पर भी निर्भर करता है। निश्चित रूप से तीनों चरणों के लिए अलग-अलग रणनीति की आवश्यकता होती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन की अहमियत बढ़ा दी गई है। इसे पूरी तरह कवर करने व अच्छी तरह तैयारी करने का सर्वोत्तम तरीका क्या हो सकता है? मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के विस्तृत पाठ्यक्रम को देखते हुए इसकी तैयारी के लिए आपने क्या रणनीति अपनाई? परीक्षा भवन में प्रश्नों को हल करने के लिए आपने क्या कोई विशेष रणनीति अपनाई?
अभितेष सिंहः सर्वोत्तम तरीका ईमानदारी से मेहनत करना है। बहुविषयक दृष्टिकोण, सभी विषयों पर बराबर ध्यान देना और समाज व देश के मुद्दों के प्रति आंखें खुली रखना एक अच्छी रणनीति हो सकती है। ‘टू द पॉइंट’ उत्तर लिखना ही अब एकमात्र विकल्प है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने अपने नोट्स बनाए? ये नोट्स किस प्रकार उपयोगी रहे? एक ही कोचिंग संस्थान के नोट्स का उपयोग कई छात्र करते हैं। ऐसे में इन नोट्स को औरों से अलग बनाने हेतु आपने क्या रणनीति अपनाई?
अभितेष सिंहः जी हां, कुछ नोट्स खुद बनाए, कुछ में कोचिंग की मदद ली। कोचिंग के नोट्स में ही आप नये एवं रचनात्मक तथ्य जोड़कर उन्हें बेहतर बना सकते हैं।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः नीतिशास्त्र व सत्यनिष्ठा पत्र की तैयारी के लिए आपने क्या किया? छात्रें को इस संदर्भ में आप क्या मार्गदर्शन दे सकते हैं?
अभितेष सिंहः सच कहूं तो नीतिशास्त्र के लिए कोई एक, स्तरीय किताब दिखाई नहीं देती। आपको इसे कई माध्यमों से तैयार करना होता है। दृष्टि IAS के नोट्स, विजन IAS नोट्स व क्रॉनिकल की LEXICON इसमें मददगार हो सकती है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने निबंध की तैयारी कैसे की और परीक्षा भवन में इसके चयन और लेखन के लिए क्या रणनीति अपनाई?
अभितेष सिंहः निबंध के लिए मैंने दृष्टि IAS के विकास दित्यकीर्ति सर से मार्गदर्शन लिया। दरअसल निबंध पर उनका एकाधिकार है। परीक्षा भवन में आप वही निबंध चुनें जिस पर आपकी पकड़ मजबूत हो। निबंध में समय प्रबंधन, विषय की गहराई व प्रवाह की भूमिका निर्णायक है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली क्या होनी चाहिए?इसके लिए आपने तैयारी के दौरान क्या तरीका अपनाया?
अभितेष सिंहः ‘प्रश्न की मांग के अनुसार उत्तर’ ही उत्कृष्ट उत्तर है। निःसंदेह इसमें मुद्दे की गहराई व बहुविषयक दृष्टिकोण का समावेश आवश्यक है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः आपने साक्षात्कार की तैयारी कैसे की? आपका साक्षात्कार कैसा रहा? आपसे कैसे प्रश्न पूछे गए? किसी प्रश्न पर आप नर्वस भी हुए?
अभितेष सिंहः साक्षात्कार में मैंने श्री आर-पी- सिंह सर से मार्गदर्शन लिया। मुझे नहीं लगता उनसे बेहतर उत्तर कोई दे सकता है। उनका साक्षात्कार कौशल अतुलनीय है। मेरा साक्षात्कार प्रभात कुमार सर (चेयरमैन) के बोर्ड में था। मुझसे हर तरह के प्रश्न पूछे गए। ये एक शानदार इंटरव्यू था। मैं प्रभात सर को इसके लिए धन्यवाद देना चाहूंगा। उन्होंने अपनी पंक्ति ‘‘दयालु दीन बंधु के बड़े विशाल हाथ हैं’’, को सार्थक कर दिखाया।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः क्या आपने कोचिंग ली? कोचिंग किस प्रकार उपयोगी रही? ऐसे छात्र जो तैयारी हेतु कोचिंग की सहायता लेना चाहते हैं, उन्हें आप क्या सुझाव देंगे?
अभितेष सिंहः जी हां अच्छे शिक्षक आपको सही रास्ता दिखाने का कार्य करते हैं, जिससे भटकाव कम होता है। लेकिन कई बार गलत शिक्षक आपको भटका भी सकते हैं। मेरा सुझाव है कि कोचिंग लेने में कोई बुराई नहीं है। आखिर अर्जुन ने भी तो कृष्ण से कोचिंग ही ली थी।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहते हैं, उनको आप क्या सुझाव देंगे? यदि कोई ग्रामीण पृष्ठभूमि का या आर्थिक रूप से कमजोर छात्र सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करना चाहता हो, तो ऐसे छात्रें को क्या करना चाहिए?
अभितेष सिंहःप्रथम सुझाव तो यह है कि तैयारी आरंभ कर दें। संकल्पनाओं व उत्तर लेखन पर अधिक ध्यान दें लेकिन प्रारंभिक परीक्षा को कमतर न आंके। ग्रामीण व कमजोर पृष्ठभूमि के छात्र हर वर्ष चयनित होते हैं इसलिए निराश न हों_ ईमानदारी से तैयारी करें। शुरुआती असफलता से भी निराश न हों और ध्यान रखें-
‘‘विधना तेरे लेख, किसी के समझ न आते हैं,
जन-जन के नायक राम, वन को जाते हैं।’’
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सामान्य धारणा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आरंभ करने से पूर्व कोई कॅरियर विकल्प भी अपने पास रखना चाहिए। क्या आपने भी कोई कॅरियर विकल्प रख रखा था?
अभितेष सिंहः यह एक व्यक्तिपरक मामला है। मैं तो पहले ही ‘विप्रो टेक्नोलॉजीस बैंगलोर’ में सॉफ्रटवेयर इंजीनियर था। वैसे मेरे ख्याल में इस परीक्षा की अनिश्चितता के चलते एक कॅरियर विकल्प रखना चाहिए।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं से आपको कितनी सहायता मिली? आपने किन पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया? सिविल सेवा परीक्षा के लिए इन पत्र-पत्रिकाओं की कितनी उपयोगिता है?
अभितेष सिंहः पत्र-पत्रिकाएं ही सिविल सेवा की तैयारी का आधार हैं। मैंने सूची में वर्णित पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया, जिसमें सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल प्रमुख है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल पत्रिका आपको कैसी लगी? आपकी सफलता में इसका कितना योगदान है? क्या आप इसमें किसी प्रकार के बदलाव की अपेक्षा रखते हैं?
अभितेष सिंहः वर्तमान परिदृश्य में सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल एक शानदार पत्रिका है। मेरी सफलता में इसका भरपूर योगदान रहा। बदलाव के तौर पर इसमें अनावश्यक तथ्यों को कम किया जा सकता है।
सिविल सर्विसेज क्रॉनिकलः धन्यवाद
- अभितेष सिंहः जी आपको भी धन्यवाद!
- अनुशंसित पुस्तक सूची
- इतिहास - स्पेक्ट्रम, राजव्यवस्था - लक्ष्मीकांत, भूगोल - महेश बर्णवाल, अर्थव्यवस्था - कुमार सर्वेश
- वैकल्पिक विषय
- आलोक रंजन नोट्स, कुमार ज्ञानेश नोट्स, सविन्द्र सिंह, भारत का भूगोल - आर-सी- तिवारी
- पत्र एवं पत्रिकाएं: सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल, योजना, द हिन्दू, विजन IAS, घटना चक्र (वार्षिकी), AIR News.