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गरीबों के लिए न्याय तक पहुंच
सरकार ने आम आदमी को वहनीय, गुणवत्तापूर्ण और त्वरित न्याय उपलब्ध कराने के लिए कई उपाय किए हैं।
- विधिक सेवा प्राधिकरण (एलएसए) अधिनियम, 1987 की धारा-12 के तहत कवर किए गए लाभार्थियों सहित समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त और सक्षम विधिक सेवाएं (legal services) प्रदान की जाती हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आर्थिक कारणों से कोई भी नागरिक न्याय हासिल करने के अवसरों से वंचित न रह जाए।
- इस उद्देश्य के लिए, तालुक कोर्ट स्तर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक विधिक सेवा संस्थानों की स्थापना की गई है।
- अप्रैल, 2021 से नवंबर, 2021 की अवधि के दौरान, 60.17 लाख व्यक्तियों को निःशुल्क विधिक सेवाएं प्रदान की गई हैं और लोक अदालतों के माध्यम से 132.37 लाख मामलों (अदालतों में लंबित और विवाद पूर्व स्तर पर मामलों) का निपटारा किया गया है।
- इसके अलावा, न्याय तक समान पहुंच को सक्षम करने के लिए, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने 'विधिक सेवा मोबाइल ऐप' भी लॉन्च किया है।
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