‘भागीरथी पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र’
- 20 Jul 2020
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 16 जुलाई, 2020 को ‘भागीरथी पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र’ के जोनल मास्टर प्लान को मंजूरी प्रदान कर दी गई।
-
जोनल मास्टर प्लान (जेडएमपी) उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार किया गया और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा इसका मूल्यांकन किया गया।
-
मास्टर प्लान वाटरशेड दृष्टिकोण पर आधारित है और इसमें वन एवं वन्यजीव, जल प्रबंधन, सिंचाई, ऊर्जा, पर्यटन, सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, सड़क अवसंरचना आदि के क्षेत्र में गवर्नेंस भी शामिल हैं।
-
केंद्र सरकार ने वर्ष 2012 में स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गोमुख से उत्तरकाशी तक के करीब 4179.59 वर्ग किमी. क्षेत्र को कवर करने वाले क्षेत्र को ‘भागीरथी पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र घोषित’ किया था तथा क्षेत्र के विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार से जोनल मास्टर प्लान तैयार करने को कहा था।
सामयिक खबरें
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे