रेलवे का 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य
- 15 Jul 2020
रेल मंत्रालय ने 2030 तक भारतीय रेलवे को पूरी तरह हरित ऊर्जा से संचालित करने और ‘शून्य कार्बन उत्सर्जन’ हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
महत्वपूर्ण तथ्य: ‘शून्य कार्बन उत्सर्जन’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रेल लाइनों का विद्युतीकरण, ट्रेनों की ऊर्जा दक्षता में सुधार, स्टेशनों के लिए हरित प्रमाणन, कोचों में जैव शौचालय और ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का इस्तेमाल रेलवे की रणनीति का हिस्सा हैं।
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भारतीय रेलवे ने 40 हजार किमी. से अधिक लाइनों का विद्युतीकरण पूरा कर लिया है, जो कि कुल बडी लाइनों का 63% है। रेलवे ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 7000 किमी. लाइनों के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है।
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भारतीय रेलवे सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के रूफ टॉप सोलर पैनल (डेवलपर मॉडल) के माध्यम से 500 मेगा वाट ऊर्जा क्षमता का दोहन करने के लिए काम कर रहा है।
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पवन ऊर्जा क्षेत्र में, 103 मेगावाट क्षमता वाले बिजली संयंत्रों को पहले ही चालू कर दिया गया है। जबकि अगले 2 वर्षों में तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक में 200 मेगावाट क्षमता वाले पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना है।
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इसके अलावा भारतीय रेलवे ने इमारतों और स्टेशनों में एलईडी बल्बों के जरिए 100% प्रकाश व्यवस्था और रेलगाड़ियों में 2,44,000 से अधिक जैव-शौचालय जैसी हरित पहलें शुरू की है।
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