भारत में वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या बढ़कर 3167
- 10 Apr 2023
प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल, 2023 को मैसुरु में बाघों की आबादी को लेकर अपडेट आंकड़ा जारी किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस व ‘अमृत काल का टाइगर विजन’ भी जारी किया। इसमें अगले 25 वर्ष में बाघ संरक्षण के लक्ष्य रखे गए।
- भारत में वर्ष 2022 तक बाघों की आबादी बढ़कर 3167 हो गयी है, जो 2018 में जारी किये गए आकड़े से 200 अधिक है।
- देश में 2006 में बाघों की आबादी 1411, 2010 में 1706, 2014 में 2226 और 2018 में 2967 थी।
- वर्तमान में विश्व की 75 फीसदी बाघ आबादी भारत में है।
- 1973 में जब प्रोजेक्ट टाइगर शुरू हुआ था, देश में 1,800 बाघ रह गए थे।
- बाघ एक अनूठा जानवर है जो किसी स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र और उसकी विविधता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस:- इस दिशा में ‘बड़ी बिल्लियों’ के संरक्षण एवं संरक्षण का एक प्रयास है। इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (आईबीसीए) इन प्रजातियों को शरण देने वाले आसपास के देशों की सदस्यता के साथ विश्व की सात प्रमुख बड़ी बिल्लियों, अर्थात- बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता के संरक्षण और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा।
प्रोजेक्ट टाइगर :- यह वर्ष 1973 में शुरू की गई पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक केंद्र प्रायोजित योजना है। यह देश के राष्ट्रीय उद्यानों में बाघों को आश्रय प्रदान करता है।
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