भारत-चीन व्यापार असंतुलन
- 01 Feb 2023
13 जनवरी, 2023 को चीन के सीमा शुल्क विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में भारत और चीन के बीच व्यापार 8.4 प्रतिशत बढ़कर 135.98 अरब डॉलर के अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया। पिछले साल यह आंकड़ा 125 अरब डॉलर था।
व्यापार घाटा पहली बार 100 अरब डॉलर के पार
- आयात-निर्यात: वर्ष 2022 में भारत में चीन से आयात वार्षिक आधार पर 21.7 प्रतिशत बढ़कर 118.9 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
- दूसरी तरफ, भारत से 2022 में चीन को निर्यात वार्षिक आधार पर 37.9 प्रतिशत घटकर 17.48 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया।
- व्यापार घाटा: इससे भारत के लिए व्यापार घाटा 101.02 अरब डॉलर रहा और यह 2021 के 69.38 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है।
भारत में आयात में वृद्धि के कारण
- भारत में मांग में सुधार (Recovery in demand in India),
- मध्यवर्ती वस्तुओं का बढ़ता आयात (Increasing imports of intermediate goods), और
- चिकित्सा आपूर्ति जैसे सामानों की नई श्रेणियों का आयात (Imports of new categories of goods such as medical supplies)।
- पिछले कुछ वर्षों में, चीन से भारत के सबसे बड़े आयात में सक्रिय दवा सामग्री (Active pharmaceutical ingredients-APIs), रसायन (Chemicals), विद्युत और यांत्रिक मशीनरी (Electrical and mechanical machinery), ऑटो घटक (Auto components) और चिकित्सा आपूर्ति (Medical supplies) शामिल हैं।
व्यापार घाटा क्या है?
- जब कोई देश निर्यात की तुलना में आयात अधिक करता है तो इस अंतर को व्यापार घाटे (Trade deficit) के रूप में जाना जाता है।
- इसके विपरीत जब कोई देश आयात की तुलना में निर्यात अधिक करता है तो उसे व्यापार अधिशेष (Trade Surplus) कहते हैं।
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