ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित ड्राफ्ट नियम
- 19 Jan 2023
2 जनवरी, 2023 को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने ऑनलाइन गेमिंग के लिये नियमों का मसौदा जारी किया।
- प्रस्तावित नियमों को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम-2021 [Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules-2021] में संशोधन के रूप में पेश किया गया है।
नियमों के महत्वपूर्ण प्रावधान
- स्व-नियामक निकाय के तहत पंजीकरण: सभी ऑनलाइन खेलों (Games) को एक स्व-नियामक निकाय के साथ पंजीकृत करना अनिवार्य होगा। साथ ही, केवल निकाय द्वारा स्वीकृत गेम्स को ही भारत में कानूनी रूप से संचालित करने की अनुमति प्राप्त होगी।
- स्व-नियामक निकाय की संख्या एक अथवा उससे अधिक हो सकती है। निकाय का संचालन विविध क्षेत्रों के 5 सदस्यों (ऑनलाइन गेमिंग, सार्वजनिक नीति, सूचना प्रौद्योगिकी, मनोविज्ञान और चिकित्सा से संबंधित) वाले एक निदेशक मंडल द्वारा किया जाएगा।
- फर्मों को निर्देश: ऑनलाइन गेमिंग फर्मों को अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए उपयोगकर्त्ताओं के KYC की जानकारी रखनी होगी। उन्हें पैसों की निकासी (Transparent Withdrawal) तथा वितरण को पारदर्शी बनाना होगा। नियमों के अनुसार, KYC के लिये उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करना होगा।
- सट्टेबाज़ी पर प्रतिबंध: ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को विभिन्न खेलों के परिणामों पर सट्टेबाज़ी की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- विवाद समाधान तंत्र: ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाओं के लिए 'सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021' (IT Rule-2021) के तहत निर्धारित एक त्रि-स्तरीय विवाद समाधान तंत्र (Dispute resolution mechanism) का निर्माण किया जाएगा। इसके अंतर्गत शामिल होंगे:
- गेमिंग प्लेटफॉर्म के स्तर पर एक शिकायत निवारण प्रणाली,
- उद्योगों के स्व-नियामक निकाय, तथा
- सरकारी नेतृत्व में एक निरीक्षण समिति।
भारत में ऑनलाइन गेमिंग
- वैश्विक भागीदारी: वैश्विक स्तर पर फैंटेसी स्पोर्ट्स (Fantasy sports) का सबसे बड़ा बाजार भारत में निर्मित हुआ है, यहां 200 से अधिक प्लेटफॉर्म पर 13 करोड़ से अधिक ऑनलाइन गेमिंग के उपयोगकर्ता हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में लगभग 40 से 45% गेमर्स महिलाएं हैं।
- वृद्धि दर: देश में इस उद्योग में वर्ष 2017-2020 के मध्य 38% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (Compound Annual Growth Rate-CAGR) दर्ज की गई, जबकि समान अवधि में चीन एवं अमेरिका में यह वृद्धि दर क्रमशः 8% तथा 10% थी।
- सरकारी अनुमानों के अनुसार भारतीय मोबाइल गेमिंग उद्योग का राजस्व वर्ष 2025 में 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
- वर्गीकरण: ऑनलाइन गेमिंग को सामान्य रूप से दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है:
- गेम ऑफ चांस अथवा जुआ (Game of chance or Gambling): इस प्रकार के खेल संयोग पर आधारित होते हैं तथा बिना किसी रणनीति के इन्हें खेला जा सकता है। इनके परिणाम अप्रत्याशित रहते हैं तथा एक व्यक्ति इन खेलों को पूर्व ज्ञान या समझ के बिना भी खेल सकता है। डाइस गेम, नंबर चुनना (Picking a number) आदि इसके प्रमुख उदाहरण है। इस प्रकार के खेल भारत में अवैध माने जाते हैं।
- गेम ऑफ स्किल अथवा गेमिंग (Game of skill or Gaming): इसके अंतर्गत उन सभी खेलों को शामिल किया जाता है जो किसी व्यक्ति द्वारा पूर्व ज्ञान अथवा खेल के अनुभव के आधार पर खेले जाते हैं। इसके लिए व्यक्ति में विश्लेषणात्मक निर्णय लेने, तार्किक सोचएवं क्षमता आदि जैसे कौशलों की आवश्यकता होती है। इस तरह के खेलों को अधिकांश भारतीय राज्यों में कानूनी मान्यता प्राप्त है।