2025 तक पूरे देश में डॉपलर मौसम (वेदर) रडार नेटवर्क
- 17 Jan 2023
15 जनवरी, 2023 को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पूरे देश को 2025 तक डॉपलर वेदर रडार नेटवर्क से कवर करने की योजना बताई है।
महत्वपूर्ण तथ्य :
- चरम मौसम की घटनाओं की अधिक सटीक भविष्यवाणी करने के लिए 2025 तक पूरे देश को डॉपलर मौसम रडार नेटवर्क द्वारा कवर किया जाएगा।
- डॉपलर मौसम रडार डॉपलर इफेक्ट के सिद्धांत पर काम करता है।
- यह रडार 400 किमी तक के क्षेत्र में होने वाले मौसमी बदलाव के बारे में जानकारी देता है।
- भारी वर्षा, आंधी, कोहरे और शीत लहर सहित उनके गंभीर मौसम पूर्वानुमान में पिछले पांच वर्षों में 40-50% सुधार हुआ है।
- सरकार की योजना 2025 तक 660 जिला कृषि-मौसम विज्ञान इकाइयां स्थापित करने की है।
Gk फैक्ट
'डॉपलर मौसम रडार', 'डॉपलर इफेक्ट के सिद्धांत' पर काम करता है। यह रडार 400 किमी तक के क्षेत्र में होने वाले मौसमी बदलाव के बारे में जानकारी देता है।
यह रडार अति सूक्ष्म तरंगों को कैच कर लेता है और हवा में तैर रहे अतिसूक्ष्म पानी की बूंदों को पहचानने के साथ ही उनकी दिशा का भी पता लगाने में सक्षम होता है।
यह बूंदों के आकार, उनकी रडार दूरी सहित उनके रफ्तार से सम्बन्धित जानकारी को हर मिनट अपडेट करता है।
इसी डाटा के आधार पर यह रडार मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगाता है।
भारत में पहला डॉपलर मौसम रडार चेन्नई में 2005 में लगाया गया था।
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