देवसहायम पिल्लई संत की उपाधि पाने वाले पहले आम भारतीय
- 06 Jun 2022
18वीं शताब्दी में ईसाई धर्म में परिवर्तित हुये देवसहायम पिल्लई 15 मई, 2022 को वेटिकन द्वारा संत घोषित किए जाने वाले पहले भारतीय आम आदमी बन गए हैं।
(Image Source: https:// twitter.com/indo_christian/)
- वेटिकन में सेंट पीटर्स बेसिलिका में संत पोप फ्राँसिस ने देवसहायम को संत की उपाधि से विभूषित किया। देवसहायम के साथ चार महिलाओं सहित नौ अन्य को भी संत की उपाधि दी गई।
- देवसहायम का जन्म 23 अप्रैल, 1712 को तत्कालीन त्रावणकोर साम्राज्य के भाग कन्याकुमारी जिले के नट्टलम में एक हिंदू नायर परिवार में नीलकांत पिल्लई के रूप में हुआ था।
- जब उन्हें एक डच नौसेना कमांडर द्वारा कैथोलिक धर्म की दीक्षा दी गई, उस समय वे त्रावणकोर के महाराजा मार्तंड वर्मा के दरबार में एक अधिकारी थे।
- 1745 में ईसाई धर्म अपनाने के बाद उन्होंने 'लेजारूस' (Lazarus) नाम अपना लिया था। बाद में वे देवसहायम (भगवान की मदद) के नाम से जाने गए।
- कहा जाता है, कि देवासहायम को ईसाई धर्म अपनाने का फैसला करने के बाद कठोर उत्पीड़न झेलना पड़ा, और अंततः 1752 में उनकी हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद उन्हें शहीद का दर्जा दिया गया था।
- 2014 में पोप फ्रांसिस द्वारा देवसहायम के के चमत्कारिक परोपकारी कार्यों को मान्यता दी गई थी।
- ‘बढ़ती कठिनाइयों को सहन करने’ के लिए उन्हें पहली बार फरवरी 2020 में ‘संत’ की उपाधि के लिए मंजूरी दी गई थी।
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