बार्ब्स मछली प्रजातियों की कृत्रिम प्रजनन तकनीक
- 04 Jun 2022
केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज एंड ओशन स्टडीज (KUFOS) के वैज्ञानिकों के एक दल ने ऑलिव बार्ब्स (कुरुवा परल) और फिलामेंट बार्ब (कलक्कोडियान) के कृत्रिम प्रजनन के लिए तकनीकों का मानकीकरण किया है, और हाईफिन बार्ब (कूरल) और कर्नाटक कार्प (पचिलावेट्टी) के लिए ब्रूड स्टॉक (brood stocks) विकसित किया है।
(Image Source: https://www.thehindu.com/)
महत्वपूर्ण तथ्य: मीठे पानी की ये मछली की प्रजातियां इदमालयार बांध, भूतथनकेट्टू और त्रिशूर जिले के ‘कोल’ (Kol) क्षेत्रों में व्यापक रूप से पाई जाती हैं।
- हालांकि, अंधाधुंध मत्स्यन और आवास परिस्थितियों में बदलाव से ये प्रजातियां, विशेष रूप से ‘कुरुवा परल’ विलुप्ति के कगार पर पहुँच चुकी हैं।
- केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज द्वारा इन मछली प्रजातियों के लिए किए जा रहे संरक्षण उपायों को 'संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) - इंडिया हाई रेंज लैंडस्केप परियोजना' के तहत सहयोग प्रदान किया जाता है। यह परियोजना जनवरी 2020 में शुरू की गई थी।
- इस परियोजना का उद्देश्य इन मीठे पानी की प्रजातियों की मत्स्य कृषि के लिए आदिवासियों के बीच प्रशिक्षित जल कृषकों (aquaculturists) की मदद करना भी है।
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